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Bharati Bhawan Solutions for Class 10th Physics (Science) in Hindi Medium Chapter 1 (10 वीं भौतिकी विज्ञान नोट्स हिंदी में 2021)

भौतिकी :पाठ -1

प्रकाश का परावर्तन


This Blog Post is dedicated to 10th Physics Notes in Hindi 10 वीं भौतिकी विज्ञान नोट्स हिंदी में 2021 प्रकाश का परावर्तन भौतिकी विज्ञान नोट्स हिंदी में प्रकाश का परावर्तन भौतिकी विज्ञान नोट्स हिंदी में सभी बोर्ड एग्जाम के लिए 

10th Physics Solutions (Notes) in Hindi for Bihar Board, MP Board, UP Board, Rajasthan, Chhattisgarh, NCERT, CBSE and so on.: इस  ब्लॉग में हाई स्कूल भौतिकी विज्ञान 10 वी सोलुशन नोट्स दिए हैंये सोलूशिन नोट्स परीक्षा के दृष्टी से बहुत बहुत ज्यादा महत्वूर्ण है आप इसे पढ़कर परीक्षा में अच्छा स्कोर कर सकते हैं  


10th Physics Solutions (Notes) in Hindi


अतिलघु उत्तरीय प्रश्न


1.  किरणपुंज कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखें।

उतर – किरणपुंज तीन प्रकार के होते हैं - (i) अपसारी किरणपुंज (ii) समांतर किरणपुंज (iii) अभिसारी किरणपुंज 


2. समतल दर्पण पर पड़नेवाली एक ही प्रकाश किरण की कितनी परावर्तित किरणें हो सकती है?

उतर –  केवल एक


3. समतल दर्पण पर लंबवत पड़नेवाली किरण किस प्रकार परावर्तित होती है?

उतर – समतल दर्पण पर लंबवत पड़नेवाली किरण परावर्तन के बाद उसी पथ पर वापस लौट जाती है।


4. समतल दर्पण पर अभिलंब आपतन के लिए परावर्तन कोण का मान कितना होता है?

उतर – 90 डिग्री ।


5. समतल दर्पण में वस्तु- दूरी और प्रतिबिंब-दूरी में क्या संबंध है?

उतर – वस्तु-दूरी = प्रतिबिंब-दूरी 


6. गोलीय दर्पण कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखें।

उतर – गोलिय दर्पण दो प्रकार के होते हैं - (i) अवतल दर्पण और (ii) उत्तल दर्पण


7. गोलीय दर्पण का मुख्य अक्ष क्या है?

उतर – गोलीय दर्पण के ध्रुव से वक्रता केंद्र को मिलानेवाली  सरल रेखा को दर्पण को दर्पण का मुख्य अक्ष या प्रधान अक्ष कहा जाता है।


8. अवतल दर्पण के फोकस की परिभाषा दें?

उतर – किसी अवतल दर्पण का फोकस उसके मुख्य अक्ष पर वह बिंदु है, जहां मुख्य अक्ष के समांतर आती किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद मिलती है।


9. गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी और उसकी वक्रता-त्रिज्या  में क्या संबंध है?

उतर – गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी उसकी वक्रता-त्रिज्या की आधी होती है।


10. एक दर्पण का नाम बताएं जो किसी वस्तु का सीधा और आवर्धित प्रतिबिंब दे सके।

उतर –अवतल दर्पण।


11. एक अवतल दर्पण द्वारा आभासी प्रतिबिंब बनने के लिए वस्तु का स्थान कहां होना चाहिए?

उतर – वस्तु को अवतल दर्पण के फोकस और ध्रुव के बीच होना चाहिए।

 

12. यदि कोई वस्तु किसी अवतल दर्पण के वक्रता केंद्र पर रखी हो, तो उसका प्रतिबिंब कहां और कैसा बनता है?

उतर – जब वस्तु किसी अवतल दर्पण के वक्रता केंद्र पर रखी हो, तो उसका प्रतिबिंब वक्रता केंद्र पर ही बनता है। यह प्रतिबिंब वास्तिविक, उलटा और वस्तु के आकार के बराबर बनता है।


13. वस्तु दूरी u का चिह्न क्या होगा जब एक अवतल दर्पण के सामने किसी वस्तु को रखा जाता है?

उतर – ऋणात्मक चिह्न।


14. 10 cm फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण से 15 cm की दूरी पर रखी वस्तु के प्रतिबिंब की प्रकृति क्या होगी?

उतर –  प्रतिबिंब वस्तु से बड़ा, वास्तविक और वस्तु की अपेक्षा उलटा होगा।


15. अवतल दर्पण से किस दूरी पर एक वस्तु को रखा जाय जिससे की प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर हो?

उतर – दर्पण के वक्रता-केंद्र पर।


16. क्या एक उत्तल दर्पण किसी (वास्तविक) वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब बना सकता है?

उतर – कभी नहीं।


17. एक दर्पण को फोकस दूरी f = -15 cm है। यह अवतल दर्पण है या उत्तल दर्पण?

उतर – अवतल दर्पण।


18. गोलीय दर्पण के आवर्धन की परिभाषा दें।

उतर – प्रतिबिंब की ऊंचाई और वस्तु की ऊंचाई के अनुपात को आवर्धन कहते हैं। आवर्धन को m से दर्शाया जाता है।


19. आवर्धन m का ऋणात्मक मान क्या बताता है?

उतर – आवर्धन m का ऋणात्मक मान यही बताता है कि प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष उलटा है यानी वास्तिविक है।

 

20. एक गोलीय दर्पण को वक्रता त्रिज्या 20 cm है। इसकी फोकस दूरी कितनी होगी?

उतर – 10 cm.


21. उत्तल दर्पण के एक उपयोग को लिखें।

उतर – मोटर वाहनों में उत्तल दर्पण का उपयोग साइड मिरर और पीछे देखने के आइने के रूप में होता है।


22. उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात करें जिसकी वक्रता त्रिज्या 32 cm है।

उतर – +16 cm 


23. समतल दर्पण में आवर्धन m = +1 का क्या अर्थ है? 

उतर – समतल दर्पण में आवर्धन m = +1 का क्या अर्थ यही है कि प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर है और m का धनात्मक चिह्न यह बताता है कि प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष सीधा है।


24. एक गोलीय दर्पण, जिसका वक्रता केंद्र C है, पर एक किरण ACB आपतित होती है। यह किरण किस दिशा में परावर्तित होगी?

उतर – किरण ACB आपतित की दिशा में ।


10th Physics Solutions (Notes) in Hindi


लघु उत्तरीय प्रश्न

1. अपसारी, समांतर और अभिसारी किरणपुंज से आप क्या समझते हैं?

उतर – अपसारी किरणपुंज - ऐसा किरणपुंज जिसमें प्रकाश की किरणें एक बिन्दु-स्रोत से निकलकर फैलती चली जाती है।

समांतर किरणपुंज - ऐसा किरणपुंज जिसमें प्रकाश की किरणें एक दूसरे के समांतर होती है। जैसे - सूर्य का प्रकाश।

अभिसारी किरणपुंज - ऐसा किरणपुंज जिसमें प्रकाश की किरणें एक बिंदु पर आकार मिलती है या मिलती हुई प्रतीत होती है। ऐसे किरणपुंज में किरणों के बीच की दूरी घटती जाती है।


2. पारदर्शी, पारभासी तथा अपारदर्शी पदार्थों में अंतर स्पष्ट करें।

उतर – पारदर्शी पदार्थ - ऐसे पदार्थ जिनसे होकर प्रकाश आसानी से पार कर जाता है, पारदर्शी पदार्थ कहलाता है।

जैसे - हवा, पानी इत्यादि

पारभासी पदार्थ - ऐसे पदार्थ जो खुद पर पड़ने वाले प्रकाश के एक छोटे - से भाग को ही अपने में से होकर जाने देते हैं, पारभासी पदार्थ कहलाता हैं। जैसे - दूध, रक्त इत्यादि

अपारदर्शी पदार्थों - ऐसे पदार्थ जो प्रकाश को अपने से होकर नहीं जाने देते, अपारदर्शी पदार्थों कहलाता हैं। जैसे - लकड़ी, पत्थर इत्यादि


3. प्रकाश के परावर्तन के नियमों को लिखें।

उतर – प्रकाश के किसी वस्तु से टकराकर लौटने को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं। प्रकाश के परावर्तन के दो नियम निम्नलिखित हैं: 

(i) आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर खींचा गया अभिलंब तीनों एक ही समतल में होते हैं।

(ii) आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है।


4. वास्तिविक और आभासी (काल्पनिक) प्रतिबिंबों में क्या अंतर है!

उतर – वास्तिविक और आभासी (काल्पनिक) प्रतिबिंबों निम्नलिखित अंतर है:

(i) किसी बिंदु स्रोत से आती प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर वास्तव में मिलती है, उसे उस बिंदु स्रोत का वास्तविक प्रतिबिंब कहते हैं। जबकि किसी बिंदु स्रोत से आती प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है, उसे उस बिंदु स्रोत का आभासी (काल्पनिक) प्रतिबिंब कहते हैं।

(ii) वास्तविक प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है। जबकि आभासी प्रतिबिंब को नहीं।

(iii) वास्तविक प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा हमेशा उलटा बनता है। जबकि आभासी प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा हमेशा सीधा बनता है।

(iv) वास्तविक प्रतिबिंब को ठोस रेखा से दिखाया जाता है जबकि आभासी प्रतिबिंब को सदा बिंदुओं से या टूटी रेखाओं से दिखाया जाता है।


5. समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंबो के किन्हीं तीन विशेषताओं का उल्लेख करें।

उतर – समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंबो के तीन विशेषताओं निम्नलिखित हैं: 

(i) प्रतिबिंब सदा दर्पण के पीछे बनता है।

(ii) प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है।

(iii) प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा हमेशा सीधा बनता है।


6. अवतल तथा उत्तल दर्पण में अंतर स्पष्ट करें।

उतर – अवतल तथा उत्तल दर्पण में अंतर निम्नलिखित हैं:

(i) गोलिय दर्पण के टुकड़े की बाहरी सतह को रजतित करने से अवतल दर्पण बनता है। जबकि गोलिय दर्पण के टुकड़े की भीतरी सतह को रजतित करने से उत्तल दर्पण बनता है।

(ii) अवतल दर्पण से आभासी और वास्तविक दोनों प्रतिबिंब बनते हैं जबकि उत्तल दर्पण से सिर्फ आभासी प्रतिबिंब बनने हैं।

(iii) अवतल दर्पण वस्तु का प्रतिबिंब बड़ा बना सकता है जबकि उत्तल दर्पण वस्तु का प्रतिबिंब बड़ा नहीं बना सकता है।


7. गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या से आपका क्या तात्पर्य होता है? 

उतर – गोलिय दर्पण के ध्रुव से गोलिय दर्पण के वक्रता केंद्र की दूरी को वक्रता त्रिज्या (Radius of curvature) कहते हैं।इसे सामान्यत R से दर्शाया जाता है।


8. एक चित्र द्वारा किसी अवतल दर्पण के ध्रुव, फोकस, वक्रता केंद्र और मुख्य अक्ष को दर्शाएं।

उतर – इसे चित्र को भारती भवन की पुस्तक की पृष्ठ संख्या 4 का चित्र 1.8a को देख कर बनाएं।


9. उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों के साइड मिरर या पीछे देखने के आइने के रूप में क्यों किया जाता है?

उतर – क्योंकि उत्तल दर्पण का दृष्टि-क्षेत्र विस्तृत होता है जिससे वाहनों के पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देख पाता है। ये वस्तु का हमेशा सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं जिससे देखने में आसानी होती है।


10. अवतल दर्पण में प्रमाणित करें की f = R/2.

उतर – इसे चित्र को भारती भवन की पुस्तक की पृष्ठ संख्या 6 को देख कर लिखें।


11. गोलिय दर्पण के लिए दर्पण सूत्र लिखकर समझाएं।

उतर – दर्पण सूत्र निम्नलिखित है:

 1/f = 1/v + 1/u 

जहां f गोलिय दर्पण का फोकस दूरी है,

 u वस्तु दूरी है दर्पण से 

 तथा v वस्तु की प्रतिबिंब की दूरी है दर्पण से।


12. कल्पना कीजिए कि आप एक चमकीले कागज से ढंके बेलनाकार खंभे के सामने खड़े हैं। इस प्रकार से बने बेलनाकार दर्पण में आप अपना किस प्रकार का प्रतिबिंब देखेंगे?

उतर – बेलनाकार दर्पण एक सतह से समतल दर्पण और उत्तल दर्पण का संयोजन है। उध्वारधरत यह एक समतल दर्पण और क्षैतिजत एक उत्तल दर्पण की तरह कार्य करेगा । अतः ऐसे दर्पण में व्यक्ति के प्रतिबिंब की लंबाई व्यक्ति के लंबाई के बराबर होगी; परंतु व्यक्ति के शरीर की चौड़ाई कम होगी इसीलिए, ऐसे दर्पण में व्यक्ति को अपना चेहरा और शरीर पतला दिखाई देगा।


10th Physics Solutions (Notes) in Hindi


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. अनंत और वक्रता केंद्र के बीच रखी वस्तु का अवतल दर्पण से बने प्रतिबिंब का निर्धारण स्वच्छ किरण आरेख खींचकर करें।

उतर – इसे चित्र को भारती भवन की पुस्तक की पृष्ठ संख्या 8 का चित्र 1.22 को देख कर बनाएं।


2. निम्नलिखित (चित्र 1.36) के किरण-आरेख को पूरा कर प्रतिबिंब का स्थान निर्धारण करें।

उतर – इसे चित्र को भारती भवन की पुस्तक की पृष्ठ संख्या 8 का चित्र 1.20 और 1.21 को देख कर किरण आरेख पूरा कर ले।


3. स्पष्ट किरण आरेख द्वारा अवतल दर्पण में आभासी एवम् आवर्धित प्रतिबिंब का बनना दिखाएं। इस प्रकार प्रयुक्त अवतल दर्पण का एक व्यवहारिक उपयोग भी बताएं।

उतर – इसे चित्र को भारती भवन की पुस्तक की पृष्ठ संख्या 7 का चित्र 1.18 को देख कर बनाएं।

इसका व्यवहारिक उपयोग हजामती ( दाढ़ी बनाने के लिए) दर्पण के रूप में किया जाता है क्योंकि ये वस्तु का सीधा, बड़ा तथा आभासी प्रतिबिंब बनता है।


4. यदि 25 cm फोकस दूरी के अवतल दर्पण की सहायता से सीधा प्रतिबिंब बनना हो, तो दर्पण से वस्तु की दूरी का परास क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति क्या होगी? प्रतिबिंब वस्तु से बड़ा होगा कि छोटा, इस परिस्थिति में प्रतिबिंब के बनने की क्रिया को दर्शाने के लिय एक किरण आरेख खींचे।

उतर – 25 cm फोकस दूरी के अवतल दर्पण की सहायता से सीधा प्रतिबिंब बनना के लिए वस्तु की दूरी दर्पण से 0 एसे 25 cm के बीच होनी चाहिए। प्रतिबिंब आभासी होगा और वह वस्तु से बड़ा होगा। 

इसे किरण आरेख खींचने के लिए भारती भवन की पुस्तक की पृष्ठ संख्या 7 का चित्र 1.18 को देख कर बनाएं। 


5. किरण-आरेख की सहायता से स्पष्ट करें की उत्तल दर्पण में किसी वस्तु के प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति क्या होगी?

उतर – इसे किरण आरेख खींचने के लिए भारती भवन की पुस्तक की पृष्ठ संख्या 10 का चित्र 1.27 को देख कर बनाएं।

इसी प्रकार, अन्य किरण आरेख़ खींचकर हम, देख सकते हैं की जैसे-जैसे वस्तु उत्तल  दर्पण से दूर होती जाएगी, उसका प्रतिबिंब फोकस की ओर खिसकता जाएगा और प्रतिबिंबबि की प्रकृति हमेशा सीधा ही रहेगा, परंतु आकार में छोटा होता जाएगा।


6. निम्नलिखित परिस्थितियों में जिस प्रकार के दर्पण का उपयोग किया जाता है उनका नाम बताएं और अपने उत्तर का कारण दें।

(a) कार के हेडलाइट

(b) वाहनों के साइड मिरर या पीछे देखने का आइना

(c) सौर भट्ठी

उतर – इसका उत्तर निम्नलिखित है:

(a) कार के हेडलाइट में अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें प्रकाश के बल्ब को अवतल दर्पण के फोकस पर रखा जाता है, जिससे परावर्तन के बाद प्रकाश का समांतर किरणपुंज प्राप्त होता है। उजाला दूर तक फैल जाता है।

(b) वाहनों के साइड मिरर या पीछे देखने का आइना के लिए उत्तल दर्पण का उपयोग किया जाता है क्योंकि उत्तल दर्पण का दृष्टि-क्षेत्र विस्तृत होता है जिससे वाहनों के पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देख पाता है। ये वस्तु का हमेशा सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं जिससे देखने में आसानी होती है।

(c) सौर भट्ठी के लिए अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है क्योंकि सूर्य से आती ऊष्मा ऊर्जा को बड़े बड़े अवतल दर्पणों द्वारा छोटी जगह पर केंद्रित किया जाता है और इससे प्राप्त ऊष्मा से कई प्रकार के उपयोग लिए जाते हैं।


पाठ -2: प्रकाश का अपवर्तन 


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10th Physics Solutions (Notes) in Hindi


पाठ -4: विद्युत-धारा

पाठ -6: ऊर्जा के स्रोत




10th Biology Solutions (Notes) in Hindi


Chapter 1 (जैव प्रक्रम :पोषण)




Chapter 5 (नियंत्रण और समन्वय)

Chapter 6 (जैव प्रक्रम : जनन)











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