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Bharati Bhawan Solutions for Class 10th Physics (Science) in Hindi Medium Chapter 3 (10 वीं भौतिकी विज्ञान नोट्स हिंदी में 2021)

 

भौतिकी :पाठ -3

मानव नेत्र : वायुमंडलीय अपवर्तन : वर्ण-विक्षेपण 


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10th Physics Solutions (Notes) in Hindi for Bihar Board, MP Board, UP Board, Rajasthan, Chhattisgarh, NCERT, CBSE and so on.: इस  ब्लॉग में हाई स्कूल भौतिकी विज्ञान 10 वी सोलुशन नोट्स दिए हैंये सोलूशिन नोट्स परीक्षा के दृष्टी से बहुत बहुत ज्यादा महत्वूर्ण है आप इसे पढ़कर परीक्षा में अच्छा स्कोर कर सकते हैं  


10th Physics Solutions (Notes) in Hindi


अतिलघु उत्तरीय प्रश्न


1. नेत्र के उस गुण को जो विभिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को फोकस करने में सहायता करता है, उसे क्या कहते हैं?

उतर – समंजन-क्षमता 


2. क्या भिन्न-भिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिंब को फोकस करने के लिए नेत्र - लेंस की फोकस दूरी सिलियरी पेशियों द्वारा परिवर्तित होती है?

उतर – हां।


3. किसी व्यक्ति के चश्मे में लगे लेंस की क्षमता +1.5 D है। लेंस उत्तल या अवतल?

उतर – उत्तल लेंस।


4. मानव नेत्र के तीन मुख्य दृष्टि दोषों के नाम लिखें

उतर –  (i) निकट-दृष्टि दोष (ii) दूर-दृष्टि दोष (iii) जरा दूरदर्शिता


5. स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी का मान लगभग कितना होता है? 

उतर – 25 cm 


6. नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर-बिंदु और निकट-बिंदु कितनी दूरी होते हैं?

उतर – नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर-बिंदु अनंत दूरी पर और निकट-बिंदु 25 cm दूरी पर होते हैं।


7. जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र में प्रतिबिंब-दूरी का क्या होता है?

उतर – समंजन के कारण प्रतिबिंब-दूरी में परिवर्तन नहीं होता है।


8. एक व्यक्ति जिसका नेत्र निकट-दृष्टि दोष से ग्रसित है, 1.5 m से अधिक दूरी पर की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है। सामान्य दृष्टि प्राप्त करने के लिए उसे किस प्रकार के लेंस की आवश्यकता होगी?

उतर – अपसारी या अवतल लेंस की


9. एक विद्यार्थी अपने क्लास के अंतिम पंक्ति में बैठने पर ब्लैकबोर्ड पर की लिखावट स्पष्ट नहीं देख पाता है। उसकी आंख किस प्रकार के दोष से ग्रसित है? इस दोष को दूर करने के लिए उसे किस प्रकार के लेंस का व्यवहार करना होगा?

उतर – निकट-दृष्टि दोष से ग्रसित है, उसे अपसारी या अवतल लेंस का व्यवहार करना होगा।


10. नेत्र-लेंस की फोकस-दूरी कम हो जाने से कौन-सा दृष्टि दोष होता है?

उतर – निकट-दृष्टि दोष ।


11. एक व्यक्ति के चश्मे में अवतल लेंस लगा है। वह किस दृष्टि दोष से पीड़ित हैं?

उतर –  निकट-दृष्टि दोष से


12. किस दृष्टि दोष में किसी वस्तु का प्रतिबिंब रेटीना के पीछे बनता है?

उतर – दूर-दृष्टि दोष में।


13. दीर्घ-दृष्टि दोष किस प्रकार के लेंस द्वारा दूर किया जाता है?

उतर – उत्तल लेंस द्वारा।


14. तारों के टिमटिमाने की व्याख्या किस सिद्धांत पर आधारित है?

उतर – वायुमंडलीय अपवर्तन के सिद्धांत पर।


15. श्वेत प्रकाश के विभिन्न वर्णों (रंगों) में विभक्त होने की घटना को क्या कहते हैं?

उतर – वर्ण-विक्षेपण।


16. जब श्वेत प्रकाश एक प्रिज्म से होकर गुजरता है तो किस वर्ण (रंग) का प्रकाश सबसे अधिक विचलित होता है और किस वर्ण (रंग) का प्रकाश सबसे कम विचलित होता है ?

उतर –  बैंगनी वर्ण (रंग) का प्रकाश सबसे अधिक विचलित होता है और लाल वर्ण (रंग) का प्रकाश सबसे कम विचलित होता है ।


17. क्या प्रकाश का रंग (वर्ण) प्रकाश-तरंगों के तरंगदैघर्य (wavelength) पर निर्भर करता है?

उतर – हां।


18. प्रकाश के किस रंग (वर्ण) के लिए तरंगदैघर्य (wavelength) अधिकतम होता है?

उतर – प्रकाश के लाल रंग (वर्ण) के लिए।


19. लाल रंग (वर्ण) दूर से देखने पर भी लाल क्यों दिखाई देता है?

उतर – क्योंकि लाल रंग (वर्ण) का तरंगदैघर्य (wavelength) सबसे  अधिकतम होता है।


20. क्या कारण है कि आकाश का रंग नीला दिखाई पड़ता है?

उतर – प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण।


10th Physics Solutions (Notes) in Hindi


लघु उत्तरीय प्रश्न

1. आंख की समंजन-क्षमता का क्या तात्पर्य होता है?

उतर – नेत्र के वह गुण जो विभिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को फोकस करके सिलियरी पेशियों के तनाव को घटा बढ़ा कर वस्तु का रेटीना पर सही प्रतिबिंब बनाने की क्षमता को आंख की समंजन-क्षमता कहते हैं।


2. नेत्र, इसमें जानेवाले प्रकाश की मात्रा को किस प्रकार नियंत्रित करता है?

उतर – परितारिका के बीच का छेद जिसे पुतली कहते हैं स्वत ही फैल और सिकुड़ जाता है जिससे नेत्र में जानेवाले प्रकाश की मात्रा नियंत्रित होती है।


3. निकटदृष्टिता क्या है? इसे दूर करने के लिय हम किस लेंस का व्यवहार करते हैं?

उतर – निकटदृष्टिता एक प्रकार का नेत्र का दृष्टि दोष है जिसमें व्यक्ति को दूर रखी वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है। इसके लिए दूर बिंदु अनंत पर न होकर नेत्र के निकट कोई बिंदु F पर होता है। इसे दूर करने के लिय हम अवतल लेंस का व्यवहार करते हैं।


4. यदि हम तीव्र प्रकाश से किसी कम प्रकाश वाले कमरे में जाएं तो वहां वस्तुओं को स्पष्ट देखने में कुछ समय क्यों लगता है?

उतर – तीव्र प्रकाश में आंख की पुतली सिकुड़कर छोटी हो जाती है। कम प्रकाश वाले कमरे की वस्तुओं को देखने के लिए आंख की पुतली का अधिक खुलकर बड़ा होना आवश्यक है। पुतली सिकुड़कर छोटी हो जाने के कारण कुछ समय बाद ही वह फैलकर अधिक खुल पाती है। यही कारण है कि तीव्र प्रकाश से कम प्रकाश वाले कमरे में जाने पर वहां वस्तुओं को स्पष्ट देखने में कुछ समय लग जाता है।


5. सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को स्पष्ट क्यों नहीं देख पाते?

उतर – नेत्र की सिलियरी पेशियों उतनी नहीं खींच पाती जितनी कि 25 cm से निकट रखी वस्तु को स्पष्ट देखने के लिए आवश्यक है।


6. नेत्र के दो मुख्य दोषों के नाम लिखें। इनके उपचार के लिए किस प्रकार के लेंस व्यवहार में लाए जाते हैं?

उतर – नेत्र के मुख्य दो दोष हैं - निकट-दृष्टि दोष और दूर-दृष्टि दोष। निकट-दृष्टि दोष के उपचार के लिए अवतल लेंस व्यवहार में लाए जाते हैं एवम् दूर-दृष्टि दोष के उपचार के लिए उत्तल लेंस व्यवहार में लाए जाते हैं।


7. दूरदृष्टिता नामक दोष के निवारण हेतु प्रयुक्त लेंस को दिखाते हुए किरण-आरेख खींचे।

उतर – दूरदृष्टिता नामक दोष के निवारण हेतु प्रयुक्त लेंस को दिखाते हुए किरण-आरेख को खींचने के लिए भारती भवन की पुस्तक में पृष्ठ संख्या 54 का चित्र 3.4c को देखें को खींच ले।


8. तारे क्यों टिमटिमाते हैं? समझाइए।

उतर – पृथ्वी का वायुमंडल हमेशा असांत रहता है, गर्म एवम् ठंडी हवाएं बहती रहती है। ठंडी हवाएं की अपेक्षा गर्म हवाएं की घनत्व और अपवर्तनांक कम होता है। इसीलिए तारों से देखने वाले तक पहुंचने वाली किरणें वायुमंडल के अपवर्तनांक में होनेवालले परिवर्तनों के कारण अगल बगल मुड़ जाती हैं। कभी-कभी मध्यवर्ती वायुमंडल में एकाएक परिवर्तन होने के कारण किरणें एक और अधिक विचलित हो जाती है जिससे प्रकाश देखने वाले तक बहुत थोड़े समय के लिय अंशत या कभी कभी पूर्णत कट जाता है। इसीलिए तारा कभी कम प्रकाश और कभी अधिक प्रकाश देता हुमालूम पड़ता है, यानी टिमटिमाता है।


9. चंद्रमा और ग्रह टिमटिमाते प्रतीत नहीं होते हैं। क्यों?

उतर – चंद्रमा और ग्रह  पृथ्वी बहुत निकट है। इसीलिए, तारों के प्रकाश को लगभग बिंदु स्रोत समझा जा सकता है, जबकि चंद्रमा और ग्रह एक फैला हुआ विस्तृत पिंड के समान है। इसीलिए चंद्रमा एवम् ग्रह से आती किरणें में वायुमंडलिय घट बढ़ के कारण हुआ थोड़ा विचलन मालूम नहीं पड़ता है।


10. सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है?

उतर – सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है क्योंकि सूर्योदय के समय, वायुमंडल से होकर सूर्य के प्रकाश को अधिक दूरी तय करनी पड़ती है और इसे अधिक कणों से होकर गुजरना पड़ता है, जो मुख्यत: नीले रंग को प्रकीर्णित कर देते हैं। अतः जो बचा हुआ प्रकाश हमारी आंखों तक आता है मुख्यत लाल रंग होता है। इसीलिए लाल दिखाई पड़ता है।


11. किसी अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा कला क्यों प्रतीत होता है?

उतर – अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा कला प्रतीत होता है क्योंकि आकाश में कोई वायुमंडल नहीं होता जिससे वहां किसी भी रंग का प्रकीर्णन नहीं हो पाता है।


12. प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण से आप क्या समझते हैं?

उतर – श्वेत प्रकाश के इसके विभिन्न रंगों में विभक्त होने की घटना को प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।


13. जब श्वेत प्रकाश एक प्रिज्म से होकर गुजरता है तब इसके अववय किसी सफेद पर्दे या दीवार पर भिन्न भिन्न स्थनों पर दिखाई पड़ते हैं। क्यों?

उतर – चूंकि श्वेत प्रकाश सात रंगों के प्रकाश का समिशण है। इसीलिए जब श्वेत प्रकाश को एक प्रिज्म से होकर गुजारा जाता है तो अपने अववयों में विभक्त होकर सात रंगों में किसी सफेद पर्दे या दीवार पर भिन्न भिन्न स्थनों पर दिखाई पड़ते हैं।


10th Physics Solutions (Notes) in Hindi


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. निकट दृष्टि दोष से आपका क्या अभिप्राय है? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जाता है?

उतर – निकट-दृष्टि दोष एक प्रकार का नेत्र का दृष्टि दोष है जिसमें व्यक्ति को दूर रखी वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है। इसके लिए दूर बिंदु अनंत पर न होकर नेत्र के निकट कोई बिंदु F पर होता है। इस दोष दो कारण हो सकते हैं -

(क) नेत्रगोलक का लंबा हो जाना, अर्थात नेत्र लेंस और रेटीना के बीच की दूरी का बढ़ जाना।

(ख) नेत्र लेंस का आवश्यकता से अधिक मोटा हो जाना जिससे उसकी फोकस दूरी का कम हो जाना।

इसे दोष का निवारण दूर करने के लिए व्यक्ति को अवतल लेंस का व्यवहार करना चाहिए।


2. दूर-दृष्टि दोष से आप क्या समझते है? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जाता है?

उतर – दूर-दृष्टि दोष एक प्रकार का नेत्र का दृष्टि दोष है जिसमें व्यक्ति निकट (25 cm पर) रखी वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है। उसके लिए निकट बिंदु 25 cm दूर N पर न होकर नेत्र से और अधिक दूरी पर कोई बिंदु N' पर होता है। इस दोष दो कारण हो सकते हैं -

(क) नेत्रगोलक का छोटा हो जाना, अर्थात नेत्र लेंस और रेटीना के बीच की दूरी का कम हो जाना।

(ख) नेत्र लेंस का आवश्यकता से अधिक पतला हो जाना जिससे उसकी फोकस दूरी का बढ़ जाना।

इसे दोष का निवारण दूर करने के लिए व्यक्ति को उत्तल लेंस का व्यवहार करना चाहिए।


3. दृष्टि दोष मुख्यत कितने प्रकार के होते हैं? किसी एक दोष को दूर करने की विधि का वर्णन करें।

उतर – दृष्टि दोष मुख्यत तीन प्रकार के होते हैं: (i) निकट-दृष्टि दोष (ii) दूर-दृष्टि दोष  (iii) जरा-दूरदर्शिता 

निकट-दृष्टि दोष एक प्रकार का नेत्र का दृष्टि दोष है जिसमें व्यक्ति को दूर रखी वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है। इसके लिए दूर बिंदु अनंत पर न होकर नेत्र के निकट कोई बिंदु F पर होता है। इस दोष दो कारण हो सकते हैं -

(क) नेत्रगोलक का लंबा हो जाना, अर्थात नेत्र लेंस और रेटीना के बीच की दूरी का बढ़ जाना।

(ख) नेत्र लेंस का आवश्यकता से अधिक मोटा हो जाना जिससे उसकी फोकस दूरी का कम हो जाना।

इसे दोष का निवारण दूर करने के लिए व्यक्ति को अवतल लेंस का व्यवहार करना चाहिए।


4. वायुमंडलीय अपवर्तन से आप क्या समझते हैं? एक उदाहरण द्वारा इसे समझाइए।

उतर – पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा प्रकाश का अपवर्तन वायुमंडलीय अपवर्तन कहलाता है।

वायुमंडलीय अपवर्तन के बहुत से घटनाएं हैं जैसे तारों का टिमटिमाना

तारों का टिमटिमाना - यह वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण होने वाली घटना है। जब हम तारों को देखते हैं तो उनकी चमक घटती बढ़ती प्रतीत होती है और तब हम कहते हैं कि तारे टिमटिमा रहे हैं। तारों की चमक में यह परिवर्तन वायुमंडल में हो रहे तारों से निकले प्रकाश के अपवर्तन के कारण होता है। तारों का प्रकाश हमारे आंखों तक पहुंचने में बहुत बार वायुमंडल द्वारा अपवर्तित होते है जिससे हमे तारे टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं।


5. स्पेक्ट्रम क्या है? आप किस प्रकार दिखाएंगे कि सूर्य का प्रकाश सात वर्णों (रंगों) से बना है?

उतर – जब सूर्य के प्रकाश को एक प्रिज्म से होकर गुजारा जाता है तो एक रंगों रंगीन पट्टी मिलती है जिससे स्पेक्ट्रम या वर्णपट कहते हैं। 

एक प्रिज्म लेंगे उसमें से सूर्य के प्रकाश को गुजारेंगे। प्रिज्म से प्रकाश के अपवर्तन के बाद हम उस अपवर्तित किरण को के श्वेत कागज पर निर्गत करवाएंगे। उसके बाद हम देखेंगे कि उस श्वेत कागज पर एक रंगीन पट्टी मिली है रंगों की जिसमे सात रंग है एक सिरा बैंगनी रंग का तथा दूसरा सिरा लाल रंग का होता है। इससे यह सिद्ध होता है कि सूर्य का प्रकाश सात रंगों से बना है।


6. एक प्रयोग द्वारा दिखाएं कि श्वेत प्रकाश के अवयवी वर्णों (रंगों) के मिलने से पुनः श्वेत प्रकाश का पुनर्निर्माण होता है।

उतर – एक प्रिज्म लेंगे उसमें से सूर्य के प्रकाश को गुजारेंगे। प्रिज्म से प्रकाश के अपवर्तन के बाद हम उस अपवर्तित किरण को के श्वेत कागज पर निर्गत करवाएंगे। उसके बाद हम देखेंगे कि उस श्वेत कागज पर एक रंगीन पट्टी मिली है रंगों की जिसमे सात रंग है एक सिरा बैंगनी रंग का तथा दूसरा सिरा लाल रंग का होता है। फिर एक दूसरा प्रिज्म लेंगे जिसको पहले प्रिज्म के विपरीत रखेंगे फिर उन सात रंगों की पट्टी को दूसरे प्रिज्म से होकर गुजारेंगे तो हम देखेंगे कि दूसरे प्रिज्म से निर्गत प्रकाश श्वेत प्रकाश होगा। इस प्रयोग द्वारा यह सिद्ध होता है कि श्वेत प्रकाश के अवयवी वर्णों (रंगों) के मिलने से पुनः श्वेत प्रकाश का पुनर्निर्माण होता है।

पाठ -4: विद्युत-धारा



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10th Physics Solutions (Notes) in Hindi


पाठ -1: प्रकाश का परावर्तन

पाठ -4: विद्युत-धारा

पाठ -6: ऊर्जा के स्रोत




10th Biology Solutions (Notes) in Hindi


Chapter 1 (जैव प्रक्रम :पोषण)




Chapter 5 (नियंत्रण और समन्वय)

Chapter 6 (जैव प्रक्रम : जनन)














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