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Bharati Bhawan Solutions for Class 10th Biology (Science) in Hindi Medium Chapter 5 (10 वीं जीवविज्ञान नोट्स हिंदी में 2021)

 जैव प्रक्रम : पाठ – 5

नियंत्रण और समन्वय

NCERT Solutions for Class 10th Biology (Science) in Hindi Medium Chapter 5 image

This Blog Post is dedicated to 10th Biology Notes in Hindi 10 वीं जीवविज्ञान नोट्स हिंदी में 2021 जैव प्रक्रम जिव विज्ञान नोट्स हिंदी में जैव प्रक्रम जिव विज्ञान नोट्स हिंदी में सभी बोर्ड एग्जाम के लिए 


10th Biology Solutions (Notes) in Hindi for Bihar Board, MP Board, UP Board, Rajasthan, Chhattisgarh, NCERT, CBSE and so on.: इस  ब्लॉग में हाई स्कूल जीव विज्ञान 10 वी सोलुशन नोट्स दिए हैं| ये सोलूशिन नोट्स परीक्षा के दृष्टी से बहुत बहुत ज्यादा महत्वूर्ण है आप इसे पढ़कर परीक्षा में अच्छा स्कोर कर सकते हैं  



10th Biology Solutions (Notes) in Hindi



अतिलघु उतरिय प्रश्न

1. पौधों में शारिरिक कार्यों का न 8नियंत्रण किस विधि से होता है?

उतर –  हार्मोन द्वारा। 


2.  पौधों में हार्मोन की उत्पत्ति कहां होती है?

उतर – अंतःस्रावी ग्रंथि में या फल, फूल तथा पत्ती इत्यादि में।


3.  किन्हीं दो पादप वृद्धवर्धक पदार्थों के नाम लिखें।

उतर – ऑक्जिन (Auxin) और जिबरेलिंस (Gibberellins)


4.  एक पादप वृद्धरोधक हार्मोन का नाम लिखें।

उउतर – एब्सिसिक एसिड ( abscisic acid)


5. फल पकाने वाले हार्मोन का नाम लिखें।

उतर –  इथाईलीन (ethylene)


6. पत्तियों के विलगन में किस कार्बोनिक रसायन की मुख्य भूमिका रहती है?

उतर –  एब्सिसिक एसिड


7.  पादप हार्मोन क्या है?

उतर – वैसा रासायनिक पदार्थ जो पौधों के जैविक क्रियाओं के बिच समन्वय स्थापित करने में सक्षम होता है, पादप हार्मोन या फाइटोहार्मोन कहलाता है।


8. हार्मोंस की कोई एक विशेषता लिखें।

उतर – यह जीवों में समन्वय एवम् नियंत्रण स्थापित करता है।


9. तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई क्या है?

उत्तर।  न्यूरॉन


10.  मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के तीन प्रमुख भागों ने नाम लिखें।

उतर – CNS, PNS तथा ANS 


11.  केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के निर्माण की दो प्रमुख रचनाएं कौन कौन सी हैं?

उतर – मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड।


12. मस्तिष्क के चारों ओर स्थित पतली झिल्ली क्या कहलाती है?

उतर – मेनिंजेस मेब्रेन (meninges membrane)


13.  अग्र मस्तिस्क के दमुख्य भागों के नाम लिखें।

उतर –  सेरीब्रम और डाइंसफलोन (diencephalon)


14.  मस्तिस्क में बुद्धि और चतुराई का केंद्र क्या है?

उतर – सेरीब्रम ( Cerebrum)


15. जंतुओं के शरीर में होनेवाली विभिन्न क्रियाओं का रासायनिक नियंत्रण और समन्वय किसके द्वारा होता है?

उतर – हार्मोंस तथा तंत्रिका तंत्र द्वारा।


16. मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली तीन अंतः स्रावी ग्रंथियों के नाम लिखें।

उतर – पिट्यूटरी, एड्रीनल तथा लैंगरहैंस की द्विपिकाएं।


17. एड्रीनल ग्रंथि के कोर्टेक्स भाग से स्रावित होनेवाली हार्मोंस के नाम लिखें।

उतर – गलूकोकॉर्टिकॉइड (Glucocorticoid), मिनरलोंकॉर्टिकॉइड (Minralocorticoid) तथा लिंग हार्मोन।


18.  थायरोक्सिन हार्मोन किसके द्वारा स्रावित होता है?

उतर –  थायरॉयड ग्रंथि द्वारा।


19.  वृषण द्वारा स्रावित होनेवाले हार्मोन का क्या नाम है? 

उतर –  एंड्रोजेन्स।


20.  रक्त दमें ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करनेवाला हार्मोन किस ग्रंथि द्वारा स्रावित होते हैं?

उतर – लैंगरहैंस की द्विपिकाएं द्वारा।



10th Biology Solutions (Notes) in Hindi


लघु उत्तरीय प्रश्न

1.  जीवों के अंगों एवम् अंगतंत्रो के कार्यों का समन्वय एवम् नियंत्रण क्यों जरूरी होता है?

उतर – विभिन्न जैव कार्यों के कुशल संचालन हेतू सभी जीवों के अंग एवम् अंगतंत्रों का समन्वय एवम् नियंत्रण जरूरी होता है। इसके बिना इनका कोई शारीरिक मानसिक तथा व्यहारिक कार्य असफल रहेगा।


2.  जिबरेलिंस की मुख्य उपयोगिता क्या है?

उतर –  जिबरेलिंस जटिल कार्ब्बोनिक यौगिक होता है, जो पौधों में कोशिका विभाजन एवम् कोशिका दीर्घन द्वारा पौधे के स्तंभ की लंबाई में वृद्धि करता है। इससे वृहत आकार के फलों एवम् फूलों का उत्पादन किया जाता है। तथा बिजरहितफलों के उत्पादन में भी सहायक होता है।


3.  ऑक्सिन की उत्पत्ति कहां होती है?

उतर – ऑक्सीन पौधों में पाया जाना वाला वह महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो पौधे के शीर्ष स्तंभ पर मुख्यत संलेशित होनेवाला कार्बोनिक यौगिक है।


4.  वृद्धि नियंत्रक पदार्थ से क्या तात्पर्य है?

उतर – पौधों में पाया जानेवाला वैसा कार्बोनिक यौगिक जो पौधों से उत्पन्न नहीं होते, परंतु पादप हार्मोन कि तरह ही कार्य करते हैं एवम् पौधों में वृद्धि करने में सहायक होते हैं, वृद्धि नियंत्रक पदार्थ कहा जाता है।


5.  अगर स्तंभ शीर्ष काट दिया जाय तो पौधों पर क्या असर पड़ेगा?

उतर –  यदि स्तंभ शीर्ष काट दिया जाय तो पौधों की लंबाई में वृद्धि रुक जाती है और पार्श्वशाखाएं निकलने लगती है। इससे बीजरहित फलों के उत्पादन में सहायक हो जाता है।


6.  साइटोकिनिन (Cytokinins) की कोशिका विभाजन में क्या उपयोगिता है?

उतर – साइटोकिनिन पौधे के जड़ों एवम् बीजों के भ्रूणपोश में संश्लेषित होने वाला पादप हार्मोन है। यह कोशिकाद्रव्य के विभाजन में सहायक मिल जाती है। जिससे कोशिका विभाजन में सहायता मिल जाती है। यह लम्बे समय तक पत्तियों को हरा एवम् ताजा बनाए रखता है।


7.  छुई -मुई की पत्तियों किस गति को दर्शाती है? हमारी टांगों की गति से यह कैसे भिन्न है?

उतर – जब हम किसी छुई -मुई के पौधे की पत्तियों को स्पर्श करते हैं तो वह शीघ्र मुड़कर बंद हो जाती है। ऐसी गति का वृद्धि से कोई संबंध नहीं है। ऐसा उद्यिपन के कारण होता है। हमारी टांगें छोटी से बड़ी होती है यानी इसमें वृद्धि संबंधित होती है। बल्कि छुई -मुई पौधे में मुड़कर बंद हो जाने पर पुनः थोड़े समय बाद वही स्थिति में हो जाति है।


8. पौधों में प्रकाश अनुवर्तन किस प्रकार होता है?

उतर – पौधे के तने के शीर्ष भाग या पत्तियों का अंग जिस तरफ से प्रकाश आता है, उसी तरफ इनका अंग गति करता है। जड़ प्रकाश अनुवर्तन गति नहीं दर्शाता। यह विसरित दिशा में अनुक्रिया करता है।


9.  जंतूओ के शरीर में स्थित तंत्रिका तंत्र का क्या कार्य है?

उतर – जंतुओं के शरीर में पाया जानेवला तंत्रिका तंत्र विभिन्न प्रकार की आंतरिक संवेदना जैसे प्यास, भूख, तृष्णा, रोग आदि तथा बाहरी संवेदन जैसे भौतिक, रासायनिक तथा यांत्रिक प्रभावों को ग्रहण कर शरीर के विभिन्न भागों में उनका संवहन करने तथा संवेदनाओं की प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए अंगों को प्रेरित करने का कार्य करते हैं।


10. मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के विभिन्न भाग कौन कौन से है तथा ये किन किन रचनाओं से बनते हैं?

उतर – मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के तीन प्रमुख भाग है: केंद्रीय तांत्रिक तंत्र जो मस्तिस्क तथा स्पाइनल कॉर्ड से बना होता है, परिधिय तंत्रिका तंत्र जो कपाल और मेरुरज्जू का बना होता है तथा स्वायत तंत्रिका तंत्र जो कुछ मस्तिष और कुछ मेरुरज्जू का बना होता है।


11. मस्तिष के महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख करें।

उतर –  मस्तिस्क के महत्वपूर्ण चार कार्य: (i) आवेग ग्रहण__ शरीर के विभिन्न संवेदी अंगों से आवेग प्राप्त करता है उसका विश्लेषण भी करता है। (ii) ग्रहण किए गए आवेगों का अनुक्रिया__ आवेंगों के विश्लेषण के पश्चात इस पर अनुक्रिया द्वारा जारी निर्देश अभिवाहि अंगो तक पहुंचता है। (iii) विभिन्न आवेंगो का सहसंबंध__आवेग अभिवाही अंगो तक पहुंचने के बाद मस्तिष्क भिन्न _भिन्न अंगो से सहसबंध स्थापित कर समन्वय करता है (iv) सूचनाव का भंडारण__ मस्तिष्क विभिन्न सूचनाओं को चेतना या ज्ञान के रूप में संचित रखता है।


12. मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली अतः स्रावी ग्रंथियों के नाम लिखें ।

उतर –  मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली महत्वपूर्ण ग्रंथियां हैं: पिट्यूटरी, थायरॉयड, पाराथायरॉयड, एड्रीनल, लैंगरहैंस की द्विपिकाएं तथा जनन ग्रंथियां।


13. पिट्यूटरी ग्रंथि मास्टर ग्रंथि क्यों कहलाती है?

उतर – पीयूष ग्रंथि अग्र मस्तिस्क में अवस्थित वह महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो छोटा परंतु सबसे अधिक हार्मोन निकालने में माहिर है। यह ऐसा भी हार्मोन स्रावित करता है, जो दूसरे हार्मोंस को स्रावित करने के लिए प्रेरित करता है। शरीर के उचित वृद्धि एवम् विकास कराने तथा दूसरे अतः स्रावी ग्रंथियों के विकास में अहम भूमिका निभाता है। इसीलिए इसे मास्टर ग्रंथि कहा जाता है।


14.  हार्मोन थायरॉक्सिन का क्या महत्व है?

उतर –  थायरॉक्सिन थायरॉयड ग्रंथि से निकलने वाला वह महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो आयोडिन का संश्लेषण करता है, कार्बोहाइड्रेट, वसा तथा प्रोटीन के उपापचायी का नियंत्रण करता है, जिससे हड्डी और बाल का विकास समुचित ढंग से होता है। 


10th Biology Solutions (Notes) in Hindi


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1.  पादप हार्मोंस के मुख्य उदाहरण लिखें एवम् ऑक्सीन के प्रभावों का वर्णन करें।

उतर – पादप हार्मोंस मुख्यत :  ऑक्सिन, जेबरेलिंस, साइटोकिनिन, एब्सिसिक एसिड और एथाइलीन प्रमुख है।

      ऑक्सिन __ यह मुख्यतः पौधों के स्तंभ शीर्ष पर संश्लेषित होनेवाला एक महत्वपूर्ण हार्मोन है। यह कोशिका-विभाजन एवम् कोशिका दीर्घन में सहायक करते हैं। कोशिका दीर्घन के द्वारा ये ऑक्सिन तने की वृद्धि में सहायक होता है। यदि पौधे के स्तंभ का शीर्ष काट देने पर ऑक्सिन का प्रभाव बहुत कम हो जाता है, जिससे पौधों की लंबाई में वृद्धि रुक जाती है और पार्श्वशखायाएं निकलने लगती है। ऑक्सिन के प्रभाव से बीजरहित फलों के उत्पादन करने में सहायक होती है।


2.  वृद्धि-नियंत्रक पदार्थ से आप क्या समझते हैं? पौधों में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?

उतर –  पेड़-पौधों में पायाजनेवाला वैसा महत्वपूर्ण पदार्थ, जो पेड़-पौधों का उचित वृद्धि एवम् विकास कराता है। कोशिका-विभाजन से लेकर कोशिका के दीर्घायु बनाता है, वृद्धि नियंत्रक पदार्थ कहलाता है।

       पौधों में रासायनिक समन्वय विभिन्न प्रकार के हार्मोंस द्वारा होता है। इनमें जितनी भी क्रियाएं हैं, वे हार्मोंस द्वारा ही नियंत्रित होता है। पौधों में तंत्रिकिय नियंत्रण नहीं होता है। पादप हार्मोंस ऑक्सिन, जेबरेलिन्स वृद्धि नियंत्रक पदार्थ है, जो कोशिका-विभाजन  एवम् दीर्घायु भी बनाता है। एबिसिसिक एसिड पौधों से पत्तियों को गिराता है, पौधों को छोटा बनाता है तथा अंकुरण में मदद करता है। इसी प्रकार साइटोकिनिन पौधों को लम्बे समय तक हरा एवम् ताजा रखता है तथा कोशिकाद्रव्य का विभाजन भी करता है। जबकि एथिलीन फल पकाने वाला हार्मोन है। इस प्रकार विभिन्न प्रकार के हार्मोंस द्वारा पौधों में रासायनिक समन्वय होता है।


3.  जिबेरेलिंस एवम् साइटोकिनिन के कार्यों की विवेचना करें।

उतर – जिबेरेलिन्स के कार्य - यह पेड़-पौधों में कोशिका-विभाजन एवम् दीर्घायु भी बनाता है। बीजों के अंकुरण में सहायक होता है, खरपतवार नष्ट करता है, पौधों की स्तंभ की लंबाई में वृद्धि करता है तथा फलों और फूलों को वृहत आकार प्रदान करता है।

       साइटोकिनिन के कार्य - यह कोशिकाद्रव्य के विभाजन में मुख्य भूमिका निभाता है, क्लोरोफिल काफी समय तक नष्ट होने से रोकता है, जिससे पत्तियां लम्बे समय तक हरी-भरी रहती है, फलों एवम् पत्तियों को नष्ट होने से रोकता है तथा जीर्णता को रोकता है।


4.  तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन की संरचना का सचित्र वर्णन करें।

उतर –  तंत्रिका कोशिका शरीर की सबसे बड़ी कोशिका होती है। जो पूरे शरीर में जाल की तरह फैली रहती है। इसके सबसे ऊपरी शाखित भाग को डेंड्राडाइट्स कहते हैं। न्यूरॉन में एक ताराकर कोशिकाद्रव्य होता है जिसे साइटन (Cyton) कहते हैं। साइटन में कोशिकाद्रव्य तथा एक बड़ा केंद्रक होता है। कोशिकाद्रव्य में अनेक निस्सल कनिकााए पाई जाती हैं। साइटन से अनेक पतले तंतु या प्रवर्धन निकले होते हैं , जो अन्य की अपेक्षा बहुत लंबा होता है, अक्ष या एक्सॉन कहलाता है। एक्सॉन में कोशिकाद्रव्य भरे होते हैं। एक्सॉन अपने अंतिम छोर पर स्वयं शाखित हो जाता है और प्रत्येक शाखा सूक्ष्म गांठ जैसी रचना में समाप्त हो जाती है जिन्हें सूत्र युग्मन गांठें कहते हैं। जहां एक्सॉन समाप्त होता है वही वह दूसरे डेंड्राडाइट्स से जुड़ता है। यह स्थान सिनैप्स कहलाता है। एक्सॉन के चारों ओर श्वेत चर्बीदार पदार्थ का एक आवरण मायलिन शिथ होता है। मायलीन शिथ कुछ- कुछ दूरी पर नहीं होते वह स्थान रेनवियर के नोड कहलाते हैं। मायलीन शीथ के ऊपर एक पतली झिल्ली न्यूरिलेमा कहलाता है। इसके कोशिकाद्रव्य में कहीं कहीं केंद्रक होता है। न्यूरिलेमा चपटी तथा लंबवत कोशिकाओं की बनी होती है जिसे श्वान कोशिका कहते हैं। श्वान कोशिका एक्सॉन के ऊपर एक झिल्लीदार आवरण के रूप में रेनवियर के नोड तथा इंटरनोड्स को पूर्ण रूप से से ढंकी रहती है। बहुत लंबे एक्सॉन को तंत्रिका तंतु कहते हैं। कई तंत्रिका तंतुओं के मिलने से तंत्रिका बनता है।


5.  मनुष्य के मस्तिष्क की संरचना का सचित्र वर्णन करें।

उतर –  मनुष्य का मस्तिष्क शरीर के सबसे ऊपरी भाग में खोपड़ी के भीतर अवस्थित रहता है। मस्तिष्क कंकाल उत्तक का बना होता है जिसका वजन मनुष्य में 1.4-1.5 kg  तक होता है। मस्तिष्क का आयतन 1250 से 1650 ml होता है। मस्तिष्क चारों ओर से मेनिंजिन झिल्ली से घिरा होता है। मस्तिष्क खोपड़ी की मस्तिष्कगुहा या क्रेनियम के अंदर सुरक्षित रहता है। मस्तिष्क को तीन प्रमुख भागों में बांटा गया है: 

(i) अग्रमस्तिष्क - यह मस्तिष्क का सबसे अग्रभाग है, जो देखने, सुनने तथा सुंघने के क्रियाओं का नियंत्रण करता है। यह प्रमस्तिष्क या सेरेब्रम (cerebrum) तथा डाइंसफालोन (Diencephalon) में बंटा होता है।

(ii) मध्यमस्तिष्क -  यह मस्तिष्क स्टेम का ऊपरी भाग है। इनमें तंत्रिका कोशिकाओं कई समूहों में उपस्थित होती है। यह आंखो की समस्त मांशपेशियों का नियंत्रण करता है।

(iii) पाश्चमस्तिष्क -  यह दिमाग का सबसे पिछला भाग है, जो सेरेबेलम (cerebellum) एवम् मेडुला ओबलोंगटा (Medulla oblongata) दो भागों में बंटा होता है।


6.  मनुष्य के शरीर में पाईजानेवाली अतःस्रावि ग्रंथियों के नाम लिखें। पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन के कार्यों का उल्लेख करें।

उतर – मनुष्य के शरीर पाई जानेवाली अंतःस्रावि ग्रंथियों पीयूष, थायरॉयड, पाराथायरॉयड, एड्रीनल, हाइपोथैलेमस, लैंगरहैंस की द्विपिकाएं तथा जनन ग्रंथियां है।

           पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन निम्न है: 

(i) GH - यह पीयूष ग्रंथि से निकलने वाला वह महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो मनुष्य का उचित वृद्धि एवम् विकास करता है। हड्डियों एवम् मांशपेशियों के लंबाई में वृद्धि करता है। इसके अधिक स्राव से व्यक्ति अधिक लंबा एवम् कम स्राव से बौने हो जाते हैं।

(ii) FSH - यह पीयूष ग्रंथि से निकलने वाला वह महत्वपूर्ण हार्मोन जो स्त्री के वल्यावस्था में जो भी परिवर्तन होता है जैसे स्तन का विकास, जननांग पर बाल उगाना, शरीर तैलीय होना, आवाज सुरली एवम् मासिक चक्र भी करवाता है।

(iii) TSH- यह पीयूष ग्रंथि द्वारा स्रावित वह महत्वपूर्ण हार्मोन है जो थायरॉयड ग्रंथि का उचित वृद्धि एवम् विकास करता है और उससे थायरॉक्सिन हार्मोन भी निकलवाता है। शरीर को वातावरण के साथ सही ताल मेल स्थापित करता है।


7.  एड्रिनल और जनन गग्रंथियों द्वारा स्रावित हार्मोन और उनके कार्यों का उल्लेख करें।

उतर – एड्रिनल ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन निम्न हैं: 

(i) गलूकोकॉर्टिकॉइड - यह एड्रिनल ग्लैंड के कोर्टेक्स द्वारा स्रावित वह हार्मोन है जो कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवम् वसा के उपापचय का नियंत्रण करता है।

(ii) मिनरलोकॉर्टिकॉइड - इसका मुख्य कार्य वृक्क नलिकाओं द्वारा लवण के पुनः अवशोषण एवम् जल संतुलन का कार्य करता है।

(iii) लिंग हार्मोन - यह एड्रिन के कोर्टेक्स द्वारा स्रावित वैसा हार्मोन है जो स्त्रियों एवम् पुरुषों में यौन आचरण का नियंत्रण करता है।

(iv) एपीनेफ्रिन - यह एड्रिन के कोर्टेक्स द्वारा स्रावित वैसा हार्मोन है जब अत्यधिक शारीरिक एवम् मानसिक तनाव, डर, गुस्सा एवम् उत्तेजना की स्थिति में इस हार्मोन का स्राव होता है।

(v) नोरएपीनेफ्रिन - यह मेडूला द्वारा स्रावित वैसा हार्मोन है जो हृदय-पेशियों की उतेजनशीलता एवम् संकुचनशीलता को तेज करते हैं जिसके फलस्वरूप रक्तचाप बढ़ता है।

जनन ग्रंथियों द्वारा स्रावित हार्मोन निम्न हैं:

(i) वृषण - यह पुरुषों का महत्वपूर्ण अंग है जो वयस्क अवस्था में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन स्रावित करता है और पुरुषों में spermatogenesis. क्रिया का नियंत्रण करता है।

(ii) अंडाशय (Ovary) -  यह महिलाओं के जनन ग्रंथियों में पाए जानेवाले वह हार्मोन है, जो वयस्क अवस्था में एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन का स्रवण करता है तथा महिलाओं में organesis नियंत्रण करता है।



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10th Biology Solutions (Notes) in Hindi


Chapter 1 (जैव प्रक्रम :पोषण)




Chapter 5 (नियंत्रण और समन्वय)

Chapter 6 (जैव प्रक्रम : जनन)









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