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Class 10th Disaster Management (Social Science) in Hindi Medium Chapter 1 NCERT Solutions (10 वीं आपदा प्रबंधन नोट्स हिंदी में 2022)

 

आपदा प्रबंधन : खण्ड (ख) इकाई-1

प्राकृतिक आपदाः एक परिचय


This Blog Post is dedicated to 10th Disaster Management NCERT Notes in Hindi 10 वीं  आपदा प्रबंधन नोट्स हिंदी में 2022 प्राकृतिक आपदाः एक परिचय नोट्स हिंदी में प्राकृतिक आपदाः एक परिचय नोट्स हिंदी में सभी बोर्ड एग्जाम के लिए (विशेषकर बिहार बॉर्ड के लिए )

10th Disaster Management Solutions (Notes) in Hindi for Bihar Board, MP Board, UP Board, Rajasthan, Chhattisgarh, NCERT, CBSE and so on.इस  ब्लॉग में हाई स्कूल आपदा प्रबंधन 10 वी सोलुशन नोट्स दिए हैंये सोलूशिन नोट्स परीक्षा के दृष्टी से बहुत बहुत ज्यादा महत्वूर्ण है आप इसे पढ़कर परीक्षा में अच्छा स्कोर कर सकते हैं  


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10th Disaster Management Solutions (Notes) in Hindi


*वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. इनमें से कौन प्राकृतिक आपदा नहीं है?

उत्तर- आंतकवाद

2. इनमें कौन मानवजनित आपदा हैं?

उत्तर- सांप्रदायिक दंगे 

3. सुनामी का प्रमुख कारण क्या है?

उत्तर- समुद्र में भूकंप का आना


10th Disaster Management Solutions (Notes) in Hindi


*लघु उत्तरीय प्रश्नः

1. आपदा से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- आपदा एक मानव जनित अथवा प्राकृतिक घटना है जिसका परिणाम व्यापक मानव क्षति है। इसकेे साथ एक सुनिश्चित क्षेत्र में आजीविका तथा सम्मपति की हानी होती है जिसकी परिणति मानवीय वेदना तथा कष्टों में होती है। आपदा समाज की सामान्य कार्य प्रणाली को बाधित करती हैै। इसके कारण बहुत बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं।

2. आपदा कितने प्रकार का होता है?

उत्तर- प्रकृति पर पड़ने वाले किसी प्रकार के विपत्ती को आपदा कहते हैं। परन्तु आपदा मुख्य रूप से दो तरह की होती है।

1) प्राकृतिक आपदा- इसमें बाढ़, सुखाड़, भुकंप तथा सुनामी आदि आते हैं

2) मानवजनित आपदा- आंतकवाद तथा साम्प्रदायिक दंगें आदि मानव जनित आपदाऐं हैं।


3. आपदा प्रबंधन की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर- आपदा अपने आप में एक ऐसा शब्द है जो प्रणाी जगत को दहला देता है। वह जब आती है तो प्रलय का दृश्य उपस्थित हो जाता है। इसलिए इसका प्रबंधन आवश्यक है। 

आपदा से न केवल विकास कार्य अवरूद्ध होता है बल्कि विकास कार्यो में कई व्यवधान उत्पन्न होते हैं। यद्यपि राष्ट्रीय स्तर पर तथा राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। लेकिन इसमें कुछ त्रुटियाँ भी है।

उत्तर बिहार के लोग कोसी के विनाश को अंगीकार कर लिया है और सामूहिक सहयोग से इससे बचते रहें हैं। सुखाड़ के प्रबंधन हेतु भी सामूहिक सहयोग से कुएँ की खुदाई, तलाब की खुदाई कर इससे बचने के उपाय खोजते रहें हैं। भुकंप और सुनामी के लिए भी प्रबंधन की आवश्यकता है।


10th Disaster Management Solutions (Notes) in Hindi


*दीर्घ उत्तरीय प्रश्नः

1. प्राकृतिक आपदा एवं मानव जनित आपदा में अंतर सहीत उदाहरणों के साथ प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर- प्राकृतिक आपदा में बाढ़, सुखाड़, सुनामी, चक्रवात ओलावृष्टि, हिमस्खलन, भूस्खलन उत्यादि के नाम लिया जा सकता है। इसमें पृथ्वी की गति रूक जाती है। प्राणी जगत असहाय हो जाती हैै। उत्तर बिहार में कोसी की भयानक लीला देश को दहला दिया, सुनामी 2004 ई0 में आकार भारत के पूर्वी तट तथा अंडमान निकोबार द्विप समूह मंे जो धन-जन की बर्बादी हुई जिसका सही आकलन संभव नहीं है। चक्रवात ओलावृष्टि, हिमस्खलन, भूस्खलन तो भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में आते रहते हैं।

          मानव-जनित आपदा मनुष्य रचा जाता है। इसमें आंतक और सांप्रदायिकता का सहारा लिया जाता है और असंख्य धन-जन की हानी होती है तथा लोग मारे जाते हैं। मानवजनित आपदा में सांप्रदायिक दंगे अक्सर हो जाया करते हैं। इसमें धर्म के लोग दूसरे धर्म के लोगों में नफरत पैदा कर दंगा कर देते हैं। जैसे- 1984 में भागलपुर का संाप्रदायिक दंगा विश्वप्रसिद्ध हो गया। इसमें देश की जो क्षति कहा नहीं जा सकता। मानव़-जनित आपदा में दूसरा नाम आतंकवाद का आता है जिसमें आतंकी अवैध हथियारों का प्रयोग कर धन-जन की हानी पहुँचाते हैं। जैसे- पाकिस्तान आतंकवाद का सहारा लेकर भारत को तबाह किये हुए हैं। काश्मीर में घुसपैठ कराकर मुम्बई में हमला और 26/11 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर हमला आतंकवाद का ही उदाहरण है।


2. आपदा प्रबंधन की संकल्पना को स्पष्ट करते हुए आपदा प्रबंधन को आवश्यकता, अनिवार्यता का वर्णन कीजिए।

उत्तर- आपदा कोई भी हो उसका प्रबंधन आनिवार्य है। आपदा से न केवल विकास कार्य अवरूद्ध होते हैं बल्कि विकास कार्यों में कई व्यवधान आते हैं। कोई भी प्रबंधन कार्य तब तक सफल नहीं हो सकता है जबतक उसमें आमलोगों की सहभागिता नहीं होती हैं। आमलोगों की सहभागिता तथा पंचायत की मदद से ठोस प्रशासनिक निर्णय लिया जा सकता है और निर्णय ही दीर्घकाल में  प्रबंधन हेतु आवश्यक होते हैं। पूर्वानुमान या पूर्व जानकारी से अपने आसपास घटनेवाली किसी भी संभावित विनाश से बचा सकता है। उत्तर बिहार के लोग कोसी की विनाशीलता से बचने के लिए आपसी सहयोग से बाढ़ के अनुरूप जीवन शैली बना ली है। सुखाड़ के लिए आपसी सहयोग कुएँ की खुदाई, तलाब की खुदाई करके आपदा से बचा सकता हैै। भूकंप और सुनामी से बचने के लिए प्रबंधन की आवश्यकता है जिसमें भुकंपरोधी भवन वृताकार या बहुभूजीय आकृति के बदले आयाताकर बनाये जोन चाहिए। देश  में  केंद्रीय स्तर तथा राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए कार्य किए जा रहे हैं लेकिन अफसरशाही के चलते यह पूर्ण नहीं हो पा रहा है।



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