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Bharati Bhawan Solutions for Class 9th Biology (Science) in Hindi Medium Chapter 1 (9 वीं जीवविज्ञान नोट्स हिंदी में 2023)

 

जीवविज्ञान :पाठ -1

कोशिका-जीवन की आधारभूत इकाई


This Blog Post is dedicated to 9th Biology Notes in Hindi 9 वीं जीवविज्ञान नोट्स हिंदी में 2023 विज्ञान और मापन जीवविज्ञान नोट्स हिंदी में कोशिका-जीवन की आधारभूत इकाई जीवविज्ञान नोट्स हिंदी में सभी बोर्ड एग्जाम के लिए 

10th Biology Solutions (Notes) in Hindi for Bihar Board, MP Board, UP Board, Rajasthan, Chhattisgarh, NCERT, CBSE and so on.: इस  ब्लॉग में हाई स्कूल जीवविज्ञान वी सोलुशन नोट्स दिए हैंये सोलूशिन नोट्स परीक्षा के दृष्टी से बहुत बहुत ज्यादा महत्वूर्ण है आप इसे पढ़कर परीक्षा में अच्छा स्कोर कर सकते हैं  


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9th Biology Solutions (Notes) in Hindi



अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. कोशिका को सर्वप्रथम किस वैज्ञानिक ने देखा?
उत्तर- राॅबर्ट हूक

2. कोशिका को जीवन की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई क्यों कहा जाता है?
उत्तर- शरीर के हर एक अंग अति सू़क्ष्म कोशिकाओं का बना होता है अर्थात के प्रत्येक अंगो का संरचना करता है। एक अंग एक विशेष कार्य करता है जैसे की श्वसन तथा पाचन आदि। अंगो के बिना शरीर का कोई भी क्रिया सम्पन्न नहीं होगा और कोशिकाओं के बिना अंग संरचना नहीं हो सकता है। इसलिए कोशिका को जीवन की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई कहा जाता है। 

3. कोशिकाभीति कहाँ पाई जाती है?
उत्तर- जीवणुु एवं वनस्पति कोशिकाओं में कोशिका झिल्ली के बाहर निर्जीव, पारगम्य तथा मोटी दिवाल पाई जाती है उसे कोशिकाभीति  कहते हैं। वनस्पति कोशिाकाओं मंे कोशिका झिल्ली के बाहर किन्तु जीवाणु में स्लाइम पर्त के नीचे रहती है। और जंतुओं में अनुपस्थि होती है।

4. कौन-से कोशिकांग सक्रिय श्वसन-स्थल हैं?
उत्तर- माइटोकाॅण्ड्रिया 

5. किस कोशिकांग को आत्महात्या की थैली कहा जाता है?
उत्तर- लाइसोसोम

6. कोशिका के अंदर प्रोटीन-संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर- राइबोसोम 

7. लवक कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर- लवक सिर्फ पादप कोशिकाओं में पाए जाते हैं। ये पादप कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में चारों आरे बिखरे रहते हैं। 

8. कोशिका के किन्हीं दो अंगकों के नाम लिखें जिसमें क्छ। पाया जाता है।
उत्तर- केंद्रक एवं माइटोकाॅण्ड्रिया 

9. भोजन का संपूर्ण ऑक्सीकरण किस कोशिकांग में होता है?
उत्तर- माइटोकाॅण्ड्रिया में

10. कोशिकाभिŸिा तथा कोशिकाझिल्ली में मूल अंतर क्या है?
उत्तर- कोशिकाभीति - कोशिकाभीति  सेल्यूलोज की बनी एवं पारगम्य होती है। सेल्यूलोज के बने होने के कारण ये कड़ी एवं निर्जीव होती है। ये कोशिकाझिल्ली की रक्षा करती है। यह जीवणुु एवं पादप पाई जाती है।
कोशिकाझिल्ली-कोशिकाझिल्ली लिपिड और प्रोटीन की बनी एवं अर्द्धपारगम्य होती है। प्रोटीन के बने होने के कारण ये सजीव होती है। ये पादप एवं जंतु दोनों के कोशिकाओं में पाई जाती है।

11. कोशिकाझिल्ली को चयनात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?
उत्तर- चूँकि कोशिकाझिल्ली द्वारा कुछ ही पदार्थ अंदर तथा बाहर आ-जा सकते हैं सब पदार्थ नहीं इसलिए इसको चयनात्मक पारगम्य झिल्ली कहते है।

12. क्या पादप कोशिका में सेंट्रोसोम पाया जाता है?
उत्तर- नहीं

13. गाॅल्जी उपकरण कहाँ पाया जाता है?
उत्तर- कोशिका के कोशिकाद्रव्य में केन्द्रक के समीप थैलीनुमा आकार के रूप में पाया जाता हैै।

14.ल्यूकोप्लास्ट का क्या कार्य है?
उत्तर- ल्यूकोप्लास्ट का का कार्य स्टर्च, लिपिड और प्रोटिन जैसे आवश्यक यौगिकों का भंडारण है।

15. अंतःप्रद्रव्यी जलिका कितने प्रकार की होती है?
उत्तर- अंतःप्रद्रव्यी जलिका दो प्रकार की होती है- 
        1) चिकनी अंतःप्रद्रव्यी जालिक 
        2) खूूरदरी अंतःप्रद्रव्यी जालिक

16. कौन-सी कोशिकीय रचना जीवनवाहक है?
उत्तर- जीन

17. क्रोमैटिन धागे कब क्रोमोसोम की तरह दिखाई पड़ते हैं?
उत्तर- कोशिका विभाजन के समय

18. जीन किसे कहते हैं?
उत्तर- गुणसूत्रों पर स्थित क्छ। की बनी वो अति सुक्ष्म रचनाऐं जो अनुवांशिक लक्षणों का धारण एवं उनका एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में स्थानान्तरण करती है, जीन या वंशणु कहलाती है। 

19. क्रोमोसोम का निर्माण किन-किन घटकों से होता है?
उत्तर- क्रोमोसोम के निर्माण करने वाले घटक क्छ।ए त्छ।ए हिस्टोन और गैर-हिस्टोन प्रोटिन तथा धातु आयन इत्याादि हैं।

20. केंद्रिका कहाँ पाया जाता है?
उत्तर- कोशिका में केंद्रक के अंदर केंद्रकद्रव्य में केंद्रिका पाया जाता है।

21. किस प्रकार की कोशिका में केंद्रक नहीं पाया जाता है?
उत्तर- प्रोकैरियोटिक कोशिका में

22. कोशिका के भीतरी तथा बाहरी वातावरण के बीच गैसों का आदान-प्रदान किस क्रिया द्वारा होता है?
उत्तर- विसरण

23. पौधों में गैसों का आदान-प्रदान किस संरचना द्वारा होता है?
उत्तर- पौधों में गैसों का आदान-प्रदान पौधों की पत्तियों में मौजुद स्टोमाटा के द्वारा होता है।

24. पौधों के मुल रोम द्वारा जल के अवशोषण में किस क्रिया का उपयोग होता है?
उत्तर- परासरण

25. जीवों का शरीर किससे बना होता है?
उत्तर- कोशिकाओं का बना होता है।

26. बहुकोशिकीय जीवों का विकास एक कोशिका से किस क्रिया द्वारा होता है?
उत्तर- कोशिका विभाजन द्वारा

27. एक ऐसे कोशिका का उदाहरण दें जो अपना आकार बदलती रहती हैै।
उत्तर- अमिबा

28. जीवों के शरीर में कोशिकाओं की संख्या किस पर निर्भर करती है?
उत्तर - जीव शरीर के आकार पर निर्भर करती है।

29. केंद्रक के बारे में सर्वप्रथम किस वैज्ञानिक ने बताया?
उत्तर- राॅबर्ट ब्राउन

30. यह किसने बताया कि नई कोशिकाओं का निर्माण पहले से मौजूद कोशिकओं से होता है?
उत्तर- जर्मन फिजीशियन रुडोल्फ विरचो

31. कोशिकाद्रव्य एवं केेंद्रक को सम्मिलित रूप से क्या कहते हैं?
उत्तर- जीवद्रव्य या प्रोटोप्लाज्म

32. कोशिकाभीति किसके कारण कड़ी और निर्जीव होती है?
उत्तर- सेल्यूलोज के बने होने के कारण

33. झिल्लीयुक्त कोशिकांग किन कोशिकाओं में पाए जाते हैं?
उत्तर- यूकैरियोटिक कोशिका में

34. अंतःप्रद्रव्यी जलिका कितने प्रकार की होती है?
उत्तर- अंतःप्रद्रव्यी जलिका दो प्रकार की होती है- 
     1) चिकनी अंतःप्रद्रव्यी जालिक 
     2) खूूरदरी अंतःप्रद्रव्यी जालिक

35. गुच्छों मेें पाए जानेवाले राइबोसोमों को क्या कहते है?
उत्तर- पाॅलीराइबोसोम या पाॅलीसोम

36. पादप कोशिका में गाॅल्जी उपकरण को सामान्यतः क्या कहते हैं?
उत्तर- डिक्टियोसोम

37. कोशिका की रसधानियों को चारों ओर से घेरनेवाली झिल्ली को क्या कहते हैं?
उत्तर- टोनोप्लास्ट

38. केंद्रकद्रव्य एवं कोशिकाद्रव्य के बीच पदार्थो का आदान-प्रदान किन छिद्रों द्वारा होता है?
उत्तर- केंद्रकझिल्ली मंे मौजूद केंद्रकछिद्र द्वारा

39. क्रोमैटिन जलिका कहाँ पाई जाती 
उत्तर- केंद्रकद्रव्य में

40. आर.एन.ए. का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर- यूकैरियोटिक कोशिका में केंद्रिका में तथा प्रोकैरियोटि कोशिका में कोशिकाद्रव्य में आर.एन.ए. का संश्लेषण होता है।

41. क्रोमासोम के दोनों क्रोमैटिड्स किस स्थान पर एक-दूसरे से संयोजित करते हैं?
उत्तर- सेंट्रोमियर 

42. क्रोमोसोम के शीर्ष भाग को क्या कहा जाता है?
उत्तर- टेलोमियर 

43. मानव शरीर की कोशिकाओं में कितने क्रोमोसोम पाए जाते हैं?
उत्तर- 46 क्रोमोसोम

44. कोशिका का आकार एवं आकृति किसके अनुरूप होती है?
उत्तर- कोशिका के कार्यो के अनुरूप 

45. माइटोकाॅण्ड्रिया कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर- कोशिकाद्रव्य में

46. रंगहीन या श्वेत प्लैस्टिड को क्या कहते हैं?
उत्तर- ल्यूकोप्लास्ट

47. गाॅल्जी उपकरण में पाई जानेवाली चारों तरफ से झिल्ली से घिरी हुई अनेक समानांतर नलिकाओं के समूह को क्या कहते हैं?
उत्तर- सिस्टर्नी

48. क्लोरोप्लास्ट के भीतर विद्यमान तरलयुक्त गुहा को क्या कहते हैें?
उत्तर- स्ट्रोमा 

49. किस संरचना के अभाव में वायरस में सजीवों का लक्षण परिलक्षित नहीं होता है?
उत्तर-  क्षिल्ली के अभाव में 

50. फुलों के विभिन्न रंग प्रदान करनेवाले प्लैस्टिड को क्या कहते हैं?
उत्तर- क्रोमोप्लास्ट



लघु उत्तरीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में किन्हीं दो के प्रमुख कार्य बताएँ?
उत्तर- माइटोकाॅण्ड्रिया का कार्य- (1) माइटोकाॅण्ड्रिया में उपस्थित श्वसन के एंजाइम के कारण भोजन का संपूर्ण ऑक्सीकरण होता है। इसके फलस्वरूप जीव के लिए ढ़ेरी सारी अति आवश्यक ऊर्जा मुक्त होती है। इसलिए माइटोकाॅण्ड्रिया को कोशिकीय ऊर्जागृह कहा जाता है। 
(2) मुक्त ऊर्जा माइटोकाॅण्ड्रिया में ATP के रूप में जमा रहता है। कोशिका नय यौगिक के निर्माण के समय ATP में संचित ऊर्जा का इस्तेमाल करती है।
(3) इसके कारण क्रिस्टी के अंदर की झ्रिल्ली का सतह क्षेत्र बढ़ता है।

लाइसोसोम का कार्य- (1) कोशिका में प्रवेश करनेवाले बड़े कणों एवं बह्य पदार्थो का पाचन करता है। 
(2) अंतःकोशिकीए पदार्थो तथा अंगकों के टूटे-फूटे भागों को पाचित कर कोशिका को साफ करता है। 
(3) जीवाणु एवं वायरस से रक्षा करता है। 
(4) जिस कोशिका में रहता है उसी को आवश्यकतानुसार नष्ट करने का कार्य करता है। 

2. किस प्रकार की कोशिका को कहा जाता है।
उत्तर- ऐसी कोशिका, जिसमें केंद्रकझिल्ली नहीं होती है एवं वास्तविक स्पष्ट केंद्रक नहीं होता है, को प्रोकैरियोटिक कोशिका कहा जाता है। जैसे- जीवाणु एवं सायनोबैक्टीरिया। प्रोकैरियोटिक कोशिका केन्द्रकीय पदार्थ कोशिक द्रव में बिखरे रहते हैं। ये एक कोशिकिय होते हैं। इन कोशिकओं में क्लोरोप्लास्ट, गाॅल्जीकाय, तारककाय, माइटोकाॅण्ड्रिया तथा अन्तःद्रव्यीजालिका नहीं पायी जाती है। लेकिन 70 प्रकार के राइबोसोम पाये जाते हैं। 

3. पादप कोशिकाओं और जंतु कोशिकओं में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर- पादप कोशिकाओं और जंतु कोशिकओं में मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं- 
(1)साधरणतः पादप कोशिका जंतु कोशिका से बड़ी होती है। जंतु कोशिका साधारणतः छोटी होती है।
(2) पादप कोशिका मोटी एवं कड़ी कोशिकाभिति के कारण कोशिका का नियमित आकार होता है। जंतु कोशिका का अनियमित आकार होता है।
(3) पादप कोशिका में कोशिकाभीति उपस्थित होती है। जंतु कोशिका में कोशिकाभीति अनुपस्थित होती है। 
(4) पादप कोशिका में कोशिका में रसयुक्त बड़ी रसधानी उपस्थित होती है। जंतु कोशिका में कोशिका में रसयुक्त छोटी रसधानी उपस्थित होती है या नहीं भी होती है।
(5)  पादप कोशिका में लवक उपस्थित होता है। जंतु कोशिका में लवक अनुपस्थित होता है।
(6) पादप कोशिका में तारककाय या सेंट्रोसोम अनुपस्थित होता है। जंतु कोशिका में तारककाय या सेंट्रोसोम उपस्थित होता है।
 
4. यदि गाॅल्जी उपकरण न हो तो कोशिका पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर- यदि गाॅल्जी उपकरण कोशिका में न हो तो लाइसोसोम का निर्माण होना बंद हो जाएगा जिससे बहुत से पाचक-एंजाएमों व हार्मोन का निर्माण नहीं होगा जिससे कोशिका से अपशिष्ट पदार्थो का निष्कासन नहीं होगा। अन्तःर्द्रव्यी जालिका में बने पदार्थो का कोशिका के अंदर व बाहर विभिन्न भागों को स्थानान्तरण बन्द हो जाएगा।

5. कोशिका के किस अंगक को बिजलीघर कहते हैं? और क्यों ?
उत्तर- माइटोकाॅण्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर कहते हैं। क्योंकि माइटोकाॅण्ड्रिया में ऐसे एंजाइम होते हैं जो भोजन पदार्थों का आक्सीकरण करके ऊर्जा का निर्माण करते हैं। जो ।ज्च् के रूप में  एकत्र होती है। और इस प्रकार ।ज्च् के रूप में एकत्रित ऊर्जा का उपयोग बहुत-सी जैविक प्रतिक्रियाओं में होता है।

6. एंडोसाइटोसिस किसे कहते हैं?
उत्तर- ऐसे एककोशिकीए जंतु, जैसे अमीबा में कोशिकाझिल्ली का लचीलापन कोशिका को इस योग्य बनाता है कि अपने बाहरी वातावरण से ये भोजन तथा अन्य खाद्य पदार्थों का अधिग्रहण कर सकती है। कोशिकाझिल्ली द्वारा संपन्न होनेवाली इस क्रिया को एंडोसाइटोसिस कहते हैं। 

7. लवक कितने प्रकार के होते हैं एवं उनके क्या कार्य हैं?
उत्तर- लवक तीन प्रकार के होते हैं- 
(1) अवर्णीलवक-  यह जड़ की कोशिकाओं में पाए जाते हैं और खाद्य संचय का कार्य करते हैं। इसमें स्टार्च, प्रोटीन तथा तेल जैसे पदार्थ संचित रहते हैं। 
(2) वर्णीलवक- वर्णीलवक फूलों और बीजों को विभिन्न रंग प्रदान करते हैं। 
(3) हरितलवक- हरितलवक पत्तियों में पाया जाता है और भोजन संश्लेषण में सहायक है। 

8. केंद्रकझिल्ली में पाया जानेवाले छिद्र का क्या कार्य है?
उत्तर- केंद्रकझिल्ली में अनेक केंद्रकछिद्र रहते हैं, इन छिद्रों के द्वारा केंद्रकद्रव्य एवं कोशिकद्रव्य के बीच पदार्थो का आदान-प्रदान होता है। 

9. जीन को आनुवंशिक इकाई क्यों कहते है?
उत्तर- आनुवंशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ले जाता है। क्छ। के क्रियात्मक खंड के जीन कहते हैं। ये जीन पैतृक गुणों के वाहक होता है। यानी इसी जीन द्वारा जीवों में आनुवंशिक लक्षणों का नियंत्रण एवं संचरण होता है। इसलिए को आनुवंशिक पदार्थ तथा जीन को आनुवंशिक इकाई कहते हैं।

10. विसरण तथा परासरण में क्या अंतर है?
उत्तर- विसरण तथा परासरण में निम्नलिखित अंतर है- 
(1) विसरण में  किसी भी प्रकार की झिल्ली की आवश्यकता नहीं हैं। परासरण में अर्द्धपारगम्य झिल्ली का होना आवश्यक होता है।
(2) विसरण में  विलायक और विलेय दोनों के कण विपरित दिशा में गति करते हैं। परासरण में कणों का प्रवाह केवल एक दिशा में होता है- अर्थात केवल विलायक के कण गति करते हैं।
(3) विसरण में कणों का प्रवाह अधिक सान्द्रता से कम सान्द्रता की ओर होता है। परासरण में विलायक के कण कम सान्द्रता वाले विलयन से अधिक सान्द्रता वाले विलयन की ओर प्रवाहित होते हैं।

11. जीवों में पदार्थो के परिवहन की क्या आवश्यकता है?
उत्तर- सभी जीवों को जीवित रहने के लिए भोजन, जल और आक्सीजन की आवश्यकता होती है। उन्हें इन सभी पदार्थो को अपने शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाना होता है। साथ ही जंतुओं को उन अंगों में उत्पन्न अपशिष्ट पदार्थाे का परिवहन उस स्थान तक करना होता है, जहाँ से उन्हें  बाहर निकाला जा सके।

12. क्रोमोसोम तथा में क्या अंतर है?
उत्तर- क्रोमोसोम एक डीएनए अणु एक लंबा धागा जैसा रूप होता है जबकि एक क्रोमैटिड एक प्रतिकृति की दो समान प्रतियों का आधा होता है क्रोमोसोम, वास्तव में दो क्रोमैटिड एक क्रोमोसोम बनाने के लिए एक सेंट्रोमियर द्वारा एक साथ जुड़ जाते हैं। डीएनए के एकल स्ट्रैंड को क्रोमोसोम कहा जाता है और दो क्रोमैटिड एक एकल क्रोमोसोम का निर्माण करेंगे। क्रोमोसोम एक जीव के आनुवंशिक पदार्थ के वाहक होते हैं, जबकि क्रोमोटिड इन कोशिकाओं को डुप्लिकेट करने में सक्षम होते हैं।

13. यूकैरियोटिक कोशिकाओं के मुख्य लक्षण क्या होते हैं?
उत्तर- यूकैरियोटिक कोशिकाओं के मुख्य लक्षण निम्नलिखित होते हैं-
(1) यूकैरियोटिक कोशिका का आकार प्रायः बड़ा ;5.100µउद्ध होता है।
(2) इसमें वास्तविक केंद्रक उपस्थित होता है।
(3) सभी पादपों और जंतुओं में मौजुद होता हैं।
(4) अनेकों  क्रोमोसोम पाए जाते हैं। 
(5) गाॅल्जीकाय, माइटोकाॅण्ड्रिया अंतःप्रद्रव्यी जलिका पाए जाते हैं। 
(6) क्लोरोप्लास्ट पादप कोशिकाओं में पाए जाते हैं। 
(7) कोशिका विभाजन माइटोसिस या मिआसिस द्वारा होता है।

14. वायरसों में सजीवों का लक्षण क्यों नहीं पाया जाता है?
उत्तर- वायरस में किसी भी प्रकार की झिल्ली नहीं पाई जाती है। ये सब किसी जीवित कोशिका के अंदर प्रविष्ट करते हैं तो उसकी मशीनरी का उपयोग करते हैं एवं अपना बहुगुणन करते हैं। इस प्रकार वायरस अन्य जीवों की तरह स्वयं के कोशिका मशीनरी का उपयोग करके प्रजनन नहीं करतंे हैैं। इसके चलते इनमें सजीवों का लक्षण परिलक्षित नहीं होता।

15. चिकनी अंतःप्रद्रव्यी जालिका तथा खुरदरी अंतःप्रद्रव्यी जालिका में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर- खुरदरी अंतःप्रद्रव्यी जालिका पर राइबोसोम लगे होते हैं जहाँ प्रोटीन संश्लेषण होता है। इसे सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इसे पर लगे राइबोसाम के कारण खुरदरी दिखाई पड़ती है। जबकि चिकनी अंतःप्रद्रव्यी जालिका पर राइबोसोम नहीं लगा रहता है इसलिए इसे सूक्ष्मदर्शी से देखने पर चिकनी दिखाई पड़ती है।


दीर्घ  उत्तरीय प्रश्न

1. एक यूकैरियोटिक पादप कोशिका का इलेक्ट्राॅन सू़क्ष्मदर्शी एवं नामांकित आरेखी चित्र बनाऐं। ;वर्णन की आवश्यकता नहीं।
उत्तर- 


2. इलेक्ट्राॅन सूक्ष्मदर्शी में दिखाई देनेवाली एक जंतु कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए। ,वर्णन अनपेक्षित।
उत्तर- 


3. माइटोकाॅण्ड्रिया की रचना एवं कार्यो का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर- माइटोकाॅण्ड्रिया की रचना- माइटोकाॅण्ड्रिया कोशिकाद्रव्य में पाई जानेवाली बहुत महत्वपूर्ण रचनाएँ हैं, जो कोशिकाद्रव्य में बिखरी हुई होती है। प्रकाश सूक्ष्मदर्शी में ये सूक्ष्म छड़ों या धागेनुमा, दानेदार या गोलाकार दिखाई देतें हैं। प्रत्येक माइटोकाॅण्ड्रिया एक बाहरी झिल्ली एवं एक अंतः झिल्ली से चारों ओर से घिरी होती है, तथा इसके बिच तरलयुक्त गुहा होती है जिसे माइटोकाॅण्ड्रिया गुहा कहते हैं। माइटोकाॅण्ड्रिया की भीतरी झिल्ली से अनेक प्रवर्ध निकलकर माइटोकाॅण्ड्रिया गुहा में लटके रहते हैं, जिनको क्रिस्टी कहते हैं। 
माइटोकाॅण्ड्रिया का कार्य- (1) माइटोकाॅण्ड्रिया में उपस्थित श्वसन के एंजाइम के कारण भोजन का संपूर्ण आक्सीकरण होता है। इसके फलस्वरूप जीव के लिए ढ़ेरी सारी अति आवश्यक ऊर्जा मुक्त होती है। इसलिए माइटोकाॅण्ड्रिया को कोशिकीय ऊर्जागृह कहा जाता है। 
(2) मुक्त ऊर्जा माइटोकाॅण्ड्रिया में ATP के रूप में जमा रहता है। कोशिका नय यौगिक के निर्माण के समय ATP में संचित ऊर्जा का इस्तेमाल करती है।
(3) इसके कारण क्रिस्टी के अंदर की झ्रिल्ली का सतह क्षेत्र बढ़ता है।



4. यूकैरियोटिक तथा प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं कें अंतरांे को स्पष्ट करें।
उत्तर-  यूकैरियोटिक तथा प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में निम्नलिखित अंतर हैें- 
(1) प्रोकैरियोटिक एक अर्धविकसित कोशिका है। इसका आकार प्रायः छोटा 1.10µmहोता है। यूकैरियोटिक एक विकसित कोशिका है। इसका आकार प्रायः बड़ा 5.100µm होता है।
(2) इसमें वास्तविक केंद्रक अनुपपस्थित होता है। इसमें वास्तविक केंद्रक उपस्थित होता है।
(3) प्रोकैरियोटिक कोशिका केवल जीवणुओं एवं साइनोबैक्टीरिया में मौजुद होता है। प्रोकैरियोटिक कोशिका सभी पादपों और जंतुओं में मौजुद होता है।
(4) प्रोकैरियोटिक में केंद्रिका नहीं पाया जाता है। यूकैरियोटिक में केंद्रिका पाया जाता है।
(5) प्रोकैरियोटिक में केवल एक क्रोमोसोम पाया जाता है। इसमें अनेक क्रोमोसोम पाया जाता है।
(6) प्रोकैरियोटिक में गाॅल्जीकाय, माइटोकाॅण्ड्रिया, अंतःप्रद्रव्यी जालिका नहीं पाए जाते हैं। यूकैरियोटिक में  गाॅल्जीकाय, माइटोकाॅण्ड्रिया, अंतःप्रद्रव्यी जालिका पाए जाते हैं।
(7)  प्रोकैरियोटिक में क्लोरोप्लास्ट नहीं पाया जाता है। यूकैरियोटिक में क्लोरोप्लास्ट पादप कोशिका मेें पाया जाता है।
(8) प्रोकैरियोटिक में कोशिका विभाजन विखंडन या मुकुलन द्वारा होता है। यूकैरियोटिक में कोशिका विभाजन माइटोसिस या मिआसिस द्वारा होता है।
 
5. क्रोमोसोम की संरचना को सचित्र समाझाएँ।
उत्तर- एक सामान्य कोशिका के केंद्रक में क्रोमोसोम महीन, लंबे तथा अत्यधिक कुुंडलित धागे के रूप में दिखते हैं। सामान्यतः क्रोमासोम बेलनाकार होते हैं। प्रत्येक क्रोमोसोम के तीन भाग होते हैं।-(1) पेलिकल (2)मैट्रिक्स (3) क्रोमोटिड्स
क्रोमोसोम का सबसे बाहरी आवरण पेलिकल कहलाता है। पेलिकल के द्वारा घिरा भाग मैट्रिक्स कहलाता है। मैट्रिक्स में, क्रोमोसोम की पूरी लंबाई में, दो समानांतर कुंडलित धागें के समान रचना होती है जो अर्द्धगुणसूत्र या क्रोमैटिड्स कहलाते हैं। 
      प्रत्येक क्रोमैटिड में दो या अधिक अत्यंत महीन कुंडलित धागे के समान रचनाएँ होती है, जिन्हें क्रोमोनिमैटा कहते है। प्रत्येक क्रोमोटिड के क्रोमोनिमैटा इतनी अधिक घनिष्ठता से एक-दूसरे से संबंद्ध होते हैं कि वे एक ही दिखाई पड़ते हैं। क्रोमैटिड क्छ। तथा हिस्टोन प्रोटिन बना होता है। इसी अणु के खंड जीन है जो क्रोमैटिड की पूरी लंबाई में दाने सदृस दिखते हैं। 
क्रोमोसोम के दोनों क्रोमैटिड एक स्थान पर सेंट्रोमियर के द्वारा एक-दूसरे से संयोजित रहते है। सेंट्रोमियर एक महत्वपूर्ण रचना है जो क्रोमोसोम का आकार निश्चित करता है तथा कोशिका विभाजन के समय तर्कुसूत्र से क्रोमोसोम को संलग्न करता है। सेंट्रोमियर की उपस्थित के कारण क्रोमोसोम को दो भागों  में बाँटा जाता है। इन दोनांें भागों को बाहु कहते हैं। दोनों बाहुओं के संधि-स्थल पर एक संकुचन होता है जिन्हें  प्राथमिक संकुचन कहते है। कभी-कभी क्रोमोसोम की बाहुओं में प्राथमिक संकुचन के अतिरिक्त एक अन्य संकुचन पाया जाता है, जो द्वितीयक संकुचन कहलता है। क्रोमोसोम का शिर्ष भाग टेलोमियर कहलाता है।

6. केंद्रक का क्या कार्य है? चित्रसहित इनकी संरचना का उल्लेख करें।
उत्तर- केंद्रक का क्या कार्य निम्नलिखित कार्य हैं-
(1) केंद्रक कोशिका की रक्षा करता है और कोशिका विभाजन में भाग लेता है। केंद्रक की अनुपस्थिति में कोशिका विभाजन संभव नहीं है।
(2)केन्द्रक कोशिका के भीतर संपन्न होनेवाली सभी उपाचयी या जैविक रासायनिक क्रियाओं का नियंत्रण करता है।
(2) कुछ जीवों में कोशिकीए जनन में महत्पूर्ण भूमिका निभाता है।
(4) यह कोशिका के विकास एवं परिपवन को निर्धारित करता है।
(5) केन्द्रक प्रोटीन संश्लेषण के लिए आवश्यक कोशिकीय त्छ। उत्पन्न करता है।
केंद्रक की संरचना- कोशिकाद्रव्य के बीच एक कड़, गोल, गाढ़ी संरचना पाई जाती है जिसे कंेद्रक या न्युक्लियस कहते हैं। सभी जीवित कोशिकाओं में केंद्रक मौजूद रहता है। इसके चारांें ओर दोहरी परत की झिल्ली रहती है जिसे केंद्रककला या केंद्रकझिल्ली कहते है। इसमंे अनेक कंेद्रकछिद्र रहते हैं। इन छिद्रों के द्वारा केंद्रकद्रव्य एवं कोशिकद्रव्य के बीच पदार्थो का आदान-प्रदान होता है। प्रायः एक केंद्रक हर जीवित कोशिका में पाया जाता है, लेकिन कुछ कोशिकाओं में एक से ज्यादा कंेद्रक पाया जाते हैं।
        केद्रक के अंदर गाढ़ा, अर्धतरल द्रव्य भरा रहता है जिसे केंद्रकद्रव्य कहते हैं। केंद्रकद्रव्य में महीन धागों की जाल जैसी रचना पाई जाती है, जिसे क्रोमैटिन जालिका कहते हैं। कोशिका विभाजन के समय क्रोमैटिन जालिका के धागे अलग होकर कई छोेटी और मोटी छड़ जैसी रचनाओें में बदल जाते हैं, जिन्हें गुणसूत्र कहते हैं।

7. कोशिकाझिल्ली पदार्थों के परिवहन में किस प्रकार अपनी भूमिका अदा करती है?
उत्तर- प्रत्येक कोशिका के सबसे बाहर चारों ओर एक बहुत पतली, मुलायम और लचीली झिल्ली होती है जिसे कोशिकाझिल्ली कहते हैं। यह झिल्ली जीवित और अर्द्धपारगम्य होती है।
विसरण के द्वारा जल का तनु घोल अर्थात् उच्च जल सान्द्रता वाले स्थान से कम जल सान्द्रता वाले स्थान की ओर अर्ध पारगम्य झिल्ली से हो जाता है।
धु्रवीय अणु, अध्रुवीय लिपिड सतह से होकर पार नहीं जा पाते तथा इस प्रकार के अणुओं का स्थानान्तरण झिल्ली की वाहक प्रोटीन की मदद से होती है। 
जंतुओं में भी गैसों, पोषक तत्वों, हार्मोन, उत्सर्जी पदार्थों का उपापचयी क्रियाओं फलस्वरूप उत्पन्न पदार्थो के भाग से दूसरे भाग में परिवहन होता रहता है। जिसमें कोशिकझिल्ली की मुख्य भूमिका रहती है।

(8) अल्पपरासरी, समपरासरी, अतिपरासरी विलयनों में किसी जीवित कोशिकाओं को बारी-बारी से डाला जाए तो कोशिका पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर- अल्पपरासरी विलयन- जब कोशिका को अल्पपरासरी विलयन ;ऐसा विलयन जिनकी सांद्रता कोशिका के विलयन की अपेक्षा कम होद्ध में रखा जाता है तो बाहरी विलयन से पानी कोशिका के अंदर प्रवेश करता है। इस क्रिया को अंतःपरासरण कहते हैं। जल के अणु कोशिकझिल्ली के दोनों ओर आते-जाते हैं, लेकिन कोशिका के अंदर जानेवाले जल की मात्रा कोशिक के बाहर आनेवाली जल की मात्रा से अधिक होगी। इसका परिणाम यह होता है कि जल के कोशिका के भीतर प्रवेश करने कोशिका फुल जाएगी और विकट परिस्थतति में कोशिका फट भी सकती है।
समपरासरी विलयन- जब कोशिका को समपरासरी विलयन ;ऐसा विलयन जिनकी सांद्रता कोशिक रस की सांद्रता के बराबर होद्ध में रखा जाता है तो कोशिक के आकार एवं वजन में कोई परिवर्तन नहीं होता है। जल के अणु कोशिकझिल्ली के आर-पार तो आते-जाते हैं, लेकिन जल की जितनी मात्रा भीतर जाती है उतनी ही बाहर आ जाती है। इस प्रकार, शुद्ध रूप से जल की कोई गति नहीं होती है।
अतिपरासरी विलयन- जब कोशिका को अतिपरासरी विलयन ;ऐसा विलयन जिनकी सांद्रता कोशिका के विलयन की अपेक्षा अधिक होद्ध में रखा जाता है तब कोशिका के अंदर से जल निकलकर बाहरी विलयन में प्रवेश करता है। इस प्रक्रिया को बहिःपरासरण कहते हैंै। इस क्रिया के दौरान भी जल अणु कोशिकाझिल्ली के दोनों ओर आवागमन करने के लिए स्वंतत्र होते हैं लेकिन कोशिका के बाहर आनेवाले जल की मात्रा कोशिका के भीतर जानेवाले जल की मात्रा से अधिक होती है। फलस्वरूप कोशिका सिकुड़ जाएगी।


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